मशनुई शुक्र#शुक्र ग्रह#मशनुई ग्रह शुक्र#बनावटी ग्रह#बनावटी शुक्र
शुक्र राहु और केतू से मिलकर बनता है l शुक्र ग्रहस्थ जीवन को और शुक्र ही हमारे comfort को, luxury को represent करते हैं l
केतू आपके गुप्त अंग है और राहु आपके विचार है और इन दोनों यानी राहु और केतू का मेल होने से शुक्र की उत्पत्ति होती है l
शुक्र बिना राहु-केतू के पूर्ण नहीं होता l
उदाहरण के लिए :-
किसी की कुंडली में शुक्र अच्छी स्थिति में यानी शुक्र बारहवें घर में बैठा है फिर भी ग्रहस्थ जीवन ठीक नहीं है l उसके लिए राहु या केतू के उपाय करवाकर ही शुक्र को ठीक किया जाता है l
जैसे:- एक नीले फूल को शाम के समय वीराने में दबाएँ इसका अर्थ यह है कि नीला रंग राहु का है और फूल जोकि luxury फूल है वो शुक्र है कहने का मतलब यह है कि नीले फूल को वीराने में दबाने से शुक्र का negative प्रभाव खत्म होना शुरू हो जाएगा l
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