Monday, April 9, 2018

गुरु, चंद्र, मंगल की युक्ति#गुरु, चंद्र, मंगल का योग


गुरु, चंद्र, मंगल की युक्ति#गुरु, चंद्र, मंगल का योग
* गुरु संयम, बड़े-बुजुर्ग तथा ज्ञान को दर्शाते हैं l
* चंद्रमा मन, माता, नगद रुपया-पैसा तथा सुखों को दर्शाते हैं l
* मंगल भाई-बंधु, ताकत, दोस्त-यारों, साहस को दर्शाते हैं l
# गुरु, मंगल जब आपस में मिलते हैं तो इसे बेसन का लड्डू कहा गया है l
# गुरु, चन्द्र जब आपस में मिलते है तो इसे गजकेसरी योग कहा जाता है यानी दूध में मिली हल्दी जितनी पौष्टिक होती है उसी तरह गुरु, चंद्र का योग l
# चंद्रमा और मंगल मिलने से महालक्ष्मी योग की संज्ञा दी है यानी दूध में मिले शहद की भाँति l
# गुरु, चंद्र, मंगल पीपल, नीम तथा बड़ के पेड़ की भाँति होते हैं यह तीनों वृक्ष पूजनीय होते हैं, रोगों को दूर करते हैं, यह तीनों वृक्ष ऐसे वृक्ष है जो हमारे जीवन में एक अशुद्धि का काम करते है l
# यह योग जीवन में सुख-समृद्धि देता है, बड़ों का आशीर्वाद मिलता है, अकेडमिक शिक्षा, नगद रुपया-पैसे का प्रवाह तथा घर के अंदर का सुख प्राप्त होता है, खून के संबंध अच्छे होते हैं, high पोस्ट मिलती है l
# गुरु, चंद्रमा और मंगल के समय किए जाने वाले परहेज :-
* तामसिक चीजों से दूर रहें l
* अनैतिक कामों से दूर रहें l
* सोना न बेचें और न ही गिरवी रखें l
* पीपल, नीम और बरगद के पेड़ की सेवा करे तथा गंदगी न फेकें l
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