मशनुई मंगल#लाल किताब ग्रामर#मंगलबद्ध#मंगल नेक
# मंगलबद्ध किन परिस्थितियों में बनता है और कैसे अपना प्रभाव देता है साथ ही मंगल नेक अपना असर कैसे देता है ?
# मंगलबद्ध का अर्थ है कि मंगल खराब एक तरह से जमा हुआ खून जो लालिमा तो लिए हुए है लेकिन कालापन भी है, मंगलबद्ध एक अंगारे कि भाँति है l
# मंगलबद्ध - सूर्य प्रकाश है और शनि अंधकार है और इन दोनों का मेल शाम के समय होता है जिसे मंगलबद्ध का समय कहा गया है यानी सूर्य, शनि का मेल जमा हुआ खून जो अब आपको खराबी देगा, बीमारी देगा l
# मंगलबद्ध के लक्षण :-
* खून की खराबी
* खून के संबंधी रिश्तों में खराबी
* बीमारी
* मांगलिक कार्यों में रुकावट
# कुंडली में सूर्य और शनि का मेल कुंडली में किसी भी तरीके से हो रहा हो तो मंगलबद्ध बनता है जिससे मंगल के शुभ कार्यों में रुकावट आएगी l
# उदाहरण के लिए :-
सूर्य पिता है और शनि बेटा है l पिता और पुत्र की लड़ाई में शुक्र का नाश होता हौ, शुक्र जोकि जीवन के comforts है, ग्रहस्थी है यानी शुक्र के खराब होने पर मंगल खराब हुआ l
# मंगल नेक - सूर्य (राजा), बुध (व्यापार, वाणी और मंत्री) है l सूर्य और बुध के मिलने पर यानी राजा और मंत्री जब भी एक साथ बैठेंगे तो प्रजा के हितों को ध्यान रखते हुए काम करेंगे l
# सूर्य (राजा) और मंगल (सेनापति) के एक साथ मिलने पर स्थिति कुछ ओर होगी l
उदाहरण के लिए :-
# लाल किताब में सूर्य को बंदर बोला गया है और बुध जोकि उस बंदर की पूंछ है, बंदर की पूंछ ही उसकी ताकत होती है l
हनुमान जी मंगल नेक है l
मंगल नेक के समय किए जाने वाले उपाय :-
* आप लाल मुँह वाले बंदर की सेवा करें l
* लाल मुँह वाला सोने का लॉकेट गले में पहनें l
* हनुमान जी की सेवा करें l
# मंगलबद्ध ढलते हुए सूर्य की लाली है और मंगल नेक उगते हुए सूर्य की लाली है l
# सूर्य 7th house में नीच के माने जाते है और ऐसे में सूर्य को positive करने के लिए काँच की बरनी में गुड़ की ढेली व्यापार स्थल पर रखने से उत्तम फल मिलेगा l
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